Apple Make in India dream meets tariff reality in Trump trade salvo.

Donald Trump Tariffs: आखिर वही हुआ जिसकी आशंका जताई जा रही थी. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा कर दी है. उन्होंने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ लगा दिया है. ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है. लेकिन इससे दुनिया में ट्रेड वॉर के गहराने की आशंका है. इससे कई कंपनियों को झटका लगा है. इसमें से एक है Apple. चलिए आपको बताते हैं कि कैसे iPhone की सेल प्रभावित होने वाली है और कैसे पूरा होगा Apple का ‘मेक इन इंडिया’ प्लान?

अगर टैरिफ को कंपनी सीधा कंज्यूमर के पास ट्रांसफर कर देती है तो iPhone की कीमत 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है. अभी भी अधिकतर iPhone चीन में ही बनाए जाते थे. इन iPhone पर पहले 54 प्रतिशत का टैरिफ लगता था. अगर इसे बढ़ाकर लगा दिया गया तो ये काफी महंगे हो सकते हैं. इसके साथ ही यूजर्स इन्हें खरीदने से भी बच सकते हैं. ट्रंप के इस फैसले के बाद Apple के शेयर में 9.3 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई है. मार्च 2020 के बाद ये सबसे बुरा समय रहा है.

अमेरिका ने 26% टैरिफ लगाया है

वैश्विक आईफोन मैन्युफैक्चरिंग हब बनने के लिए भारत की महत्वाकांक्षाओं के रास्ते में रुकावट आ सकती है. एप्पल ने हाल ही में भारत में अपने आईफोन प्रोडक्शन का 15 प्रतिशत ट्रांसफर किया है पर अमेरिका ने 26% टैरिफ लगाया है. हालांकि यह दर चीन के चौंका देने वाले 54% और वियतनाम के 46% से कम है. अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसमें कुल प्रोडक्ट के निर्यात का 18% हिस्सा है. 26% टैरिफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स शिपमेंट को नुकसान पहुंचा सकता है, मुनाफे को कम कर सकता है.

iPhone असेंबली का 10-15% हिस्सा है

भारत तेजी से Apple का दूसरा सबसे बड़ा प्रोडक्शन केंद्र बन गया है, जो iPhone असेंबली का 10-15% हिस्सा है. फ़ॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे निर्माताओं के ज़रिए, Apple को भारत की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना से काफ़ी फ़ायदा हुआ है. फिर भी, अब भारत से निर्यात पर 26% टैरिफ़ का बोझ पड़ेगा.

भारत की आईफोन फैक्ट्री रणनीति कैसे विफल हो सकती है?

Apple भारत में लगातार अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है. Apple पहले से ही 2025 तक iPhone प्रोडक्शन का 25% भारत में स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है. सरकार इस अवसर का लाभ उठाकर अमेरिका के साथ BTA को तेजी से आगे बढ़ाने की उम्मीद कर रही है.

वहीं, भारत की बात को मजबूत करने के लिए Apple, Microsoft और Google जैसी कंपनियों से समर्थन मांगा जा सकता है. इतना ही नहीं पीएलआई योजना के तहत, सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए लगभग 8,700 करोड़ रुपए वितरित किए हैं, जिसमें से 75% से अधिक सब्सिडी एप्पल के भागीदारों को मिली है. लेकिन भारत का Apple का प्रोडक्ट कुल मात्रा का 10-15% है, कंपनी ने 2025 तक 25% का टारगेट रखा था. अब वो टारगेट इस टैरिफ के बाद खतरे में है.

Leave a Comment