भारत का UPI दुनियाभर में डंका बजा रहा है. कई देशों में भारत का UPI इस्तेमाल भी हो रहा है. इसी कड़ी में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BIMSTEC देशों को भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को उनके पेमेंट सिस्टम से जोड़ने का प्रस्ताव दिया है. इस पहल का उद्देश्य व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देना है.
BIMSTEC में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं. UPI को इन देशों की भुगतान प्रणालियों से जोड़ने से सीमा-पार लेनदेन में आसानी होगी, जिससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग को मजबूत करने में मददगार होगी.
इन देशों में चलता है भारत का UPI
UPI का डंका लगातार पूरी दुनिया में बज रहा है. इसके सक्सेस की चर्चा चारों तरफ हो रही है. फिलहाल सात देशों में मौजूद है. इनमें भूटान, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, और फ्रांस शामिल हैं. BHIM, फोनपे, पेटीएम और गूगल पे जैसे 20 ऐप्स इन अंतरराष्ट्रीय ट्रांजैक्शन को सपोर्ट करते हैं. हम अब उन देशों में UPI के उपयोग को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जहां यह लॉन्च हो चुका है.
यूपीआई से कितना हुआ लेन-देन
यूपीआई के जरिये लेन-देन की संख्या 2024 की दूसरी छमाही में सालाना आधार पर 42 प्रतिशत बढ़कर 93.23 अरब पहुंच गई है. एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. वर्ल्डलाइन की 2024 की दूसरी छमाही कीइंडिया डिजिटल भुगतान रिपोर्टके अनुसार, वॉल्यूम और प्राइस के मामले में तीन यूपीआई प्लेटफॉर्म फोनपे, गूगल पे और पेटीएम का दबदबा बना हुआ है. लेन-देन की वॉल्यूम के मामले में, दिसंबर 2024 में सभी लेन-देन में इन तीनें ऐप्स की हिस्सेदारी 93 फीसदी रही। लेन-देन मूल्य के संदर्भ में, हिस्सेदारी 92 प्रतिशत थी.